5 Essential Elements For sidh kunjika
5 Essential Elements For sidh kunjika
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पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
On check here chanting normally, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we pay attention, and the more we attune ourselves to the vibration of what's currently being explained, then the greater We are going to inculcate that Frame of mind. Our intention amplifies the Mindset.”
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र